रांची : पत्र सूचना कार्यालय व रीजनल आउटरीच ब्यूरो, रांची तथा फील्ड आउटरीच ब्यूरो, धनबाद केे संयुक्त तत्वाधान में ‘कोविड -19: योग्य व्यवहार ‘ विषय पर आज दिनांक 12 नवम्बर 2020, गुरुवार को परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में स्वास्थ, शिक्षा एवं जनसंचार क्षेत्र से जुुुुड़े प्रमुख विशेषज्ञों ने भाग लिया। विशेषज्ञोंं का कहना था कि कोरोना जन आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी को अच्छी तरह से मुंह तथा नाक ढक कर रहना, 2 गज की दूरी बनाए रखना एवं नियमित हाथ धोते रहना अति आवश्यक है। और साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मूल मंत्र “जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं” को याद रखना है।
अतिथियों के स्वागत और वेबिनार परिचर्चा की शुरुआत करते हुए अपर महानिदेशक पीआईबी- आरओबी, रांची श्री अरिमर्दन सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन से गुजरने के बाद अब हम लोग अनलॉक के दौर में है। आवश्यकता इस बात की है कि हम लोगों को लगातार सुरक्षा के उपायों को अपनाना है क्योंकि शत्रु जितना भी छोटा हो, खतरनाक होता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का लगातार आह्वान है कि “जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं” और हमें इस पर अमल करना है। अपर महानिदेशक ने इस बात पर भी बल दिया की साबुन से हाथ धोना, सही तरीके से मास्क पहनना तथा दो गज की दूरी को बनाए रखना कोरोना से बचने के सबसे अच्छे उपायों में से है। साथ ही घर में बड़े बुजुर्गों का खास ख्याल रखना भी जरूरी है क्योंकि उनको इस बीमारी से अधिक खतरा है और फिर संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है। कोविड-19 महामारी के बीच योग्य व्यवहार को जन आंदोलन के रूप में बदलना है और समुचित व्यवहार का संदेश देश के तमाम लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करना है, तभी कोरोना के संबंध में योग्य व्यवहार का जन आंदोलन सफल हो सकता है।
रिनपास रांची के क्लीनिकल साइकोलॉजी के प्रोफेसर अमूल रंजन सिंह ने बताया कि कोरोना काल में बहुत सारे लोग मानसिक तथा मनोवैज्ञानिक समस्याओं से परेशान हुए। लोग काफी डरे हुए थे और उन्हें यह लग रहा था कि यह बीमारी उन्हें भी अपने चपेट में ले लेगी। प्रोफेसर अमूल ने कहा कि हालांकि पहले की तुलना में अब डर का माहौल कम हुआ है लेकिन अभी भी कोरोना से बचने के लिए हमें सुरक्षा के सारे उपायों को लगातार अपनाते रहना होगा। मानसिक व मनोवैज्ञानिक कठिनाइयों से गुजर रहे व्यक्ति के लिए यह जरूरी है कि उसे पारिवारिक और सामाजिक साथ मिलता रहे और वो “कम्युनिकेशन” एवं “सोशलाइजेशन” करे। ऐसे व्यक्ति को हमेशा साहस दिलाते रहना है और उसे कभी भी अकेलापन महसूस होने नहीं देना है। आपसी मदद और एक दूसरे का साहस बनाकर ही हम कोरोना काल में मानसिकता तथा मनोवैज्ञानिक कठिनाइयों से उबर सकते हैं।
वेबिनार में जनसंचार संस्थानों के विद्यार्थियों के अलावा पीआईबी, आरओबी, एफओबी, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के अधिकारी-कर्मचारियों तथा दूसरे राज्यों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। गीत एवं नाटक विभाग के अंतर्गत कलाकारों एवं सदस्यों, आकाशवाणी के पीटीसी, दूरदर्शन के स्ट्रिंगर तथा मीडिया से संपादक और पत्रकार भी शामिल हुए।
इस वेबिनार का समन्वय एवं संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री ओंकार नाथ पाण्डेय ने किया। वहीं तकनीकी सहायता तथा समन्वय सहयोग क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री शाहिद रहमान और श्रीमति महविश रहमान द्वारा क्रमशः दिया गया।