पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने जनजातीय गौरव दिवस से बड़वानी के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बकरी दूध विक्रय का प्रदेश में शुभारंभ किया। श्री पटेल ने कहा कि बकरी पालन से पशुपालक को विशेष रूप से निर्धन तबके की आय में वृद्धि होगी। बकरी दूध विक्रय की शुरूआत जबलपुर और इंदौर के जनजाति बहुल जिलों से एकत्र दूध से की गई है। इंदौर संभाग के धार, झाबुआ, बड़वानी और जबलपुर संभाग के सिवनी, बालाघाट जिलों के जनजातियों से 50 से 70 रूपये प्रति किलो की दर से बकरी का दूध इंदौर एवं जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा खरीदा जा रहा है। 200 एमएल की बॉटल में अधिकतम 30 रूपए की दर से यह दूध फिलहाल जबलपुर और इंदौर दुग्ध संघ के पार्लरों पर उपलब्ध है।
पौष्टिक तत्वों से भरपूर है बकरी दूध
मंत्री श्री पटेल ने बताया किबकरी का दूध पौष्टिक खनिज तत्वों से भरपूर होता है। कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, तांबा, जिंक आदि का उत्तम स्त्रोत होने से यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। वसा के कण अन्य दूध की तुलना में छोटे होने से जल्दी एवं आसानी से पच जाता है। दैनिक अनुसंशित मूल्य का 33 प्रतिशत कैल्शियम शरीर को प्रदाय कर हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है। बकरी के दूध में मध्यम श्रेणी का फैटी एसिड होने से यह शरीर को अधिक ऊर्जा देने के बावजूद चर्बी के रूप में जमा नहीं होता। इससे वजन नियंत्रित रहता है। आँतों के विकार और कोरोनरी रोग के इलाज में भी सहायक है।